डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय सहायता योजना अनुसूचित जाति अत्याचार पीड़ितों के लिए (संशोधित)
योजना के बारे में:
इस योजना को ‘डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय राहत योजना (अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार पीड़ितों के लिए)’ के रूप में जाना जाएगा।यह योजना अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत गंभीर अपराधों के पीड़ितों को त्वरित वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक आकस्मिक व्यवस्था के रूप में कार्य करेगी। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार या जिला प्रशासन, योजना के तहत पहचान की गई अत्याचार श्रेणियों के मामलों में, अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार पीड़ितों को वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु प्रस्ताव तैयार कर सकता है। यह प्रस्ताव निर्धारित प्रारूप (परिशिष्ट-II) में तैयार कर फाउंडेशन को विचारार्थ भेजा जाएगा।
प्रतिष्ठान किसी भी अत्याचार के मामले का स्वतः संज्ञान ले सकता है और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए अधिकारी/अधिकारियों को घटना स्थल पर भेज सकता है।योजना के तहत, प्रत्येक पीड़ित को अधिकतम ₹5.00 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिसकी स्वीकृति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष द्वारा दी जाएगी।यह सहायता राशि संबंधित राज्य सरकारों द्वारा दी जा रही राहत अनुदान/राशि के अतिरिक्त होगी।
यह योजना अत्याचारों के शिकार अनुसूचित जाति (SC) के पीड़ितों, उनके परिवार के सदस्यों या आश्रितों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई है, ताकि उन्हें आर्थिक रूप से राहत दी जा सके।यह योजना अनुसूचित जातियों (SC) के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों को ध्यान में रखते हुए और SC/ST अत्याचार पीड़ितों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार की गई है।
क. पात्रता : इस योजना के अंतर्गत पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं:
i. पीड़ित अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) का होना चाहिए।
ii. पीड़ित को अन्य समुदायों द्वारा उसकी जाति, समुदाय या सामाजिक पहचान के आधार पर अत्याचार झेलना पड़ा हो।
iii. अत्याचार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (POA Act, 1989) के तहत गंभीर अपराधों की श्रेणी में आना चाहिए, जैसे हत्या, बलात्कार, आगजनी आदि।
ख. सहायता की सीमा: पीड़ित को अधिकतम ₹5.00 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
ग.सहायता जारी करने के मानदंड: इस योजना के अंतर्गत राहत राशि जारी करने के मानदंड निम्नलिखित हैं
i. सहायता राशि पीड़ित, उसके परिवार के सदस्य या कानूनी उत्तराधिकारी को डॉ. अम्बेडकर प्रतिष्ठान के अध्यक्ष के विवेकाधिकार पर जारी की जाएगी। यह राशि पीड़ित के आधार से जुड़े बैंक खाते में सीधे स्थानांतरित की जाएगी।
ii.बलात्कार के मामलों में, राज्य सरकार के अधिकृत चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी मेडिकल सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
iii. यदि अत्याचार के कारण दिव्यांगता हुई हो, तो सक्षम प्राधिकरण द्वारा दिव्यांगता की प्रतिशतता प्रमाणित की जानी चाहिए।
घ . आवेदन प्रक्रिया
अनुसूचित जाति/जनजाति के अत्याचार पीड़ित को वित्तीय सहायता हेतु प्रस्ताव राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार या जिला मजिस्ट्रेट/कलेक्टर द्वारा निर्धारित प्रारूप ( परिशिष्ट -II) में निदेशक, डॉ. अम्बेडकर प्रतिष्ठान , 25 के.जी. मार्ग, जीवन प्रकाश बिल्डिंग, 9वीं मंजिल, नई दिल्ली - 110001 को भेजा जाएगा। साथ में FIR, जाँच रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मेडिकल/दिव्यांगता प्रमाणपत्र आदि की प्रतियां संलग्न करनी होंगी।
ii.सभी ऐसे प्रस्ताव डॉ. अम्बेडकर प्रतिष्ठान में संसाधित किए जाएंगे। पीड़ितों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय डॉ. अम्बेडकर प्रतिष्ठान के अध्यक्ष के विवेकाधिकार पर निर्भर होगा।
iii.यह प्रावधान किया गया है कि डॉ. अम्बेडकर प्रतिष्ठान के अध्यक्ष विशेष योग्य मामलों में योजना के मानदंडों में शिथिलता प्रदान कर सकते हैं। संशोधित योजना (वर्ष 2020)
ङ. राहत राशि की दरें:
i.हत्या/मृत्यु
( क ). परिवार का कमाने वाला सदस्य - 5.00 लाख रुपए
(ख) परिवार का गैर-कमाऊ सदस्य - 200 लाख रुपए
ii.बलात्कार - 2.00 लाख रुपए
iii.आगजनी से पूरी तरह बेमुख्य पृष्ठ होना- 3.00 लाख रुपए
iv.विकलांगता (पूर्ण और स्थायी विकलांगता जिससे कमाई की क्षमता का नुकसान होता है)
(i)एक परिवार का कमाऊ सदस्य - 3.00 लाख रुपए
(ii)परिवार का गैर-कमाऊ सदस्य - 1.50 लाख रुपए